स्नान करने कैसे क्या होता है? – Snan karna | Snana ke prakar | Snana ka samay | 4 amazing types of bath



Snan karna – स्नान करना हर दिन की प्रोसेस है हमें रोज स्नान कहना चाहिए इनकी स्नान करने से शरीर साफ सुथरा तथा स्वस्थ रहता है और हमारा मन भी चुस्त दुरुस्त रहता है।

 

पौराणिक समय के लोग अक्सर कहावत कहा करते थे कि मन चंगा तो कठौती में गंगा इसका मतलब यह है कि अगर आपका मन पवित्र है तो सारी दुनिया के लोग और वस्तुएं पवित्र है।

 

अगर आपका मन ही पवित्र नहीं है गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं तो ऐसा करने से आप पवित्र नहीं हो जाएंगे इसलिए यह कथन सही है लेकिन पूरी तरह से सही नहीं है क्योंकि स्नान करने से हमारा शरीर ठंडा हो जाता है है और मन दुरुस्त हो जाता है।




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अगर कोई इंसान थका हुआ है तो उसकी थकान दूर हो जाती है और फिर उसके बाद उस इंसान का मन किसी अन्य कामों में लगने लगता है जैसे कि अगर वह इंसान आरती, पूजा-पाठ, भजन चाहता है तो उसका मन भगवान की भक्ति में लगने लगता है इसीलिए तो अधिकतर लोग स्नान करने (Snan karna) के बाद मंदिर जाया करते हैं।

 

थोड़ा इमेजिन कीजिए कि अगर आपको भूख लगी हुई है या आप थके हुए हैं और आप आरती या पूजा करने लगे हैं तो क्या आपका मन आरती या पूजा पाठ करने में लगेगा। नहीं लगेगा ना!

 

हम मानते हैं हम मानते है कि आपका मन पूर्ण रुप से पवित्र है लेकिन आपका चंचल मन किसी और दूसरे काम का ध्यान कर रहा है ऐसे में आपका मन पूजा-पाठ में कैसे लगेगा।




वैज्ञानिक दृष्टि से स्नान करने से क्या होता है? Snan karna

स्नान करना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अत्यंत में पूर्ण माना गया है क्योंकि स्नान करने से शरीर में चुपके हुए कीटाणु निकल जाते हैं जिससे शरीर ठंडा और विभिन्न रोगों से मुक्त हो जाता है।

साइंस के अकॉर्डिंग हमारे शरीर को आवश्यक मात्रा में पानी की जरूरत होती है और स्नान करने से हमारे शरीर को पानी की पूर्ति हो जाती है।

शरीर के बालों के माध्यम से पानी शरीर में प्रवेश करता है जिससे हमारा शरीर ठंडा हो जाता है और इसी कारण हमारा शरीर स्वस्थ रहता है और हमारा मन भी खुश रहता है।

कुछ लोगों की आदत होती है कि वह भोजन करने के बाद स्नान करने (Snan karna) के लिए जाते है लेकिन ऐसा करना बिल्कुल गलत है क्योंकि भोजन करने के बाद से ही हमारे पेट की आंते भोजन पचाने के लिए रेडी हो जाती है लेकिन भोजन करने के बाद जब हम स्नान करते हैं तो भोजन पचाने का यह काम रुक जाता है और इस प्रकार से समय पर भोजन नहीं पचने पर पेट में गैस बनने, कब्ज और खट्टी डकार आने जैसे विकार हो सकते है इसलिए हमें स्नान करने से पहले ही भोजन कर लेना चाहिए ताकि इस तरह के कोई भी विकार ना हो सके।

भोजन से पहले स्नान करने (Snan karna) का सबसे बड़ा फायदा ही है है कि हमें भूख अधिक लगने लगती है अर्थात भूख बढ़ती है इस तरह हर दिन स्नान करना वैज्ञानिक दृष्टि से अन्यन्त महत्वपूर्ण माना जाता है।

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स्नान मंत्र – snan mantra

ऐसा कहा जाता है कि स्नान मंत्र का जाप करने मात्र से हमें तीर्थ यात्रा करने की जरूरत नहीं पड़ती है इस स्नान मंत्र के जाप से ही पवित्र नदियों का जल स्नान करने के जल में प्रवाहित होने लगता है इसीलिए हमें स्नान मंत्र का जाप करना चाहिए।

स्नान मंत्र इस प्रकार से है

ॐ गङ्गे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती |
नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन सन्निधिं कुरु ||

हर दिन स्नान करने (Snan karna) के लाभ क्या है?

हृदय से जुड़ी बीमारी होने का खतरा कम हो जाता है।

हमारी बॉडी में बनने वाले हार्मोन संतुलित रहते हैं।

हमारे शरीर का तापमान को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

शरीर की त्वचा को स्वस्थ बनाता है।

स्नान करने (Snan karna) से श्वसन तंत्र मजबूत होता है।

 

स्नान करने (Snan karna) से क्या होता है?

आयुर्वेद के अनुसार हर दिन सुबह स्नान करने (Snan karna) से कई तरह के रोग में में मदद मिलती है इसलिए आयुर्वेद के अनुसार हमें सुबह के टाइम में स्नान करना चाहिए।



स्नान करना हमारे शरीर के लिए ही नहीं बल्कि हमारे स्वास्थ के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा स्नान करने की सलाह दी जाती है।

अगर आप रात को सोने से पहले या खाना खाने के बाद या फिर काम धंधे से आने के बाद स्नान करते हैं तो आप बहुत बड़ी गलती करते हैं क्योंकि ऐसा करना वैज्ञानिक दृष्टि से गलत माना गया है।

स्नान करना हमारे साथ के लिए बेहतर माना गया है क्योंकि स्नान करना शारीरिक और मानसिक दोनों के लिए लाभदायक है और स्नान करने (Snan karna) से कई रोगों से बचाव भी होता है।

 

स्नान के प्रकार और उनके लाभ इस प्रकार से है Snana ke prakar | Snana ka samay

1. मुनि स्नान करने (Snan karna) का शुभ मुहूर्त सुबह 4:00 से 5:00 बजे का समय है। मुनि स्नान करने से हमें बल विद्या शांति मिलती है और इतना ही नहीं बल्कि हमारे घरों में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।



2. देव स्नान – देव स्नान करने (Snan karna) का शुभ मुहूर्त सुबह के समय 5:00 से 6:00 बजे का बताया गया है। देव स्नान करने हमें दुनिया में यश और कीर्ति मिलती है इतना ही नहीं बल्कि देव स्नान करने से सुख और शांति भी प्राप्त होती है।

3. मानव स्नान – मानव स्नान करने (Snan karna) का शुभ मुहूर्त सुबह 6:00 से 8:00 के बीच का होता है इसीलिए हमें 8:00 बजे से पहले ही स्नान कर लेना चाहिए।

मानव स्नान करने (Snan karna) से हमारे अच्छे कामों की वजह से हमारा अच्छा भाग्य बनता है और हमें सफलता मिलती है।

4. राक्षसी स्नान – 8:00 बजे के बाद जो स्नान करते है वह स्नान राक्षसी स्नान कहलाता है।
राक्षसी स्नान करने से ग़रीबी और परेशानी आती है और हमें हानि भी होती है।



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