kanun ke niyam – भारतीय कानून भारत के नागरिकों की सुरक्षा के लिए बनाए गए नियम है। हमें भारतीय कानून अधिकारों (kanun ke niyam) के बारे में पता नहीं होता इसलिए कभी-कभी हम ऐसी सिचुएशन में फंस जाते हैं कि उस सिचुएशन से निकलना मुश्किल हो जाता है इसीलिए आज के इस लेख में हम आपको भारतीय कानूनी अधिकारों (kanun ke niyam) के बारे में विस्तारपूर्वक बताने वाले हैं तो आइए 21 ऐसे भारतीय कानूनी अधिकारों (kanun ke niyam) के बारे में जानते हैं जो हर भारतीय नागरिकों को पता होना चाहिए।
भारत एक लोकतांत्रिक देश है और इस लोकतांत्रिक देश में हर भारतीय नागरिक को कुछ संवैधानिक अधिकार प्राप्त होते हैं एक भारतीय नागरिक को अपने कानूनी अधिकारों (kanun ke niyam) के बारे में पता होना अत्यंत महत्वपूर्ण है अधिकतर भारतीय नागरिकों को सही जानकारी नहीं मिलने की वजह से कानूनी अधिकारों (kanun ke niyam) की जानकारी प्राप्त नहीं होती है जिस वजह से भारतीय नागरिकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है आज के इस लेख में हम आपको कुछ महत्वपूर्ण कानूनी अधिकारों (kanun ke niyam) के बारे में विस्तारपूर्वक बताने वाले हैं तो फिर आइए बिना देरी करते हुए कानूनी अधिकारों के बारे में जानते है –
15 ऐसे कानूनी नियम जो आपको जरूर पता होना चाहिए – kanun ke niyam
1. आपराधिक प्रक्रिया संहिता, सेक्शन 46 –
इस प्रक्रिया संहिता के तहत किसी भी महिला को शाम 6:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे के बीच में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
2. भारतीय दंड संहिता 166 A –
इस अधिनियम प्रक्रिया के तहत कोई भी पुलिस FIR दर्ज करने से मना नहीं कर सकती है अगर पुलिस ऑफिसर FIR दर्ज करने से मना करते हैं तो उन्हें 6 महीने की सजा हो सकती है।
3. भारतीय सरिउस अधिनियम 1887 –
अधिनियम के तहत कोई भी होटल वाले आपको पानी पीने और वाशरूम जाने से मना नहीं कर सकते हैं फिर चाहे वह फाइव स्टार होटल ही क्यों ना हो।
4. पुलिस एक्ट अधिनियम, 1861 –
इस अधिनियम में यह बताया गया है कि पुलिस अधिकारी हमेशा ड्यूटी पर ही रहते है यदि कोई व्यक्ति पुलिस अधिकारी से कोई शिकायत करता है तो वह मदद करने से मना नहीं कर सकता है।
5. आयकर अधिनियम 1961 –
यह अधिनियम सिर्फ टैक्स वसूली के मामले में है अधिनियम में यह बताए गया है कि टेक्स वसूल करने वाले अधिकारी अगर टेक्स का उल्लंघन करता है तो आपको उसे गिरफ्तार करने का अधिकार है लेकिन ऐसा करने से पहले आपको उसे नोटिस भेजना होगा।
6. मोटर वाहन अधिनियम 128, 129 –
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 128 के तहत एक बाइक पर केवल दो व्यक्तियों को बैठने का प्रावधान है तथा मोटर वाहन अधिनियम (kanun ke niyam) की धारा 129 के तहत बाइक चालक को हेलमेट लगाना अनिवार्य है लेकिन अगर पुलिसकर्मी आपकी बाइक या वाहन से चाबी निकालता है तो आप उचित कार्रवाई कर सकते है।
7. दंड प्रक्रिया संहिता 1973 –
इस प्रक्रिया अधिनियम के तहत महिला पुलिस अधिकारी ही महिला को गिरफ्तार कर सकती है पुरुष पुलिस अधिकारी के द्वारा महिला को गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है। इसके अलावा महिला को शाम 6:00 बजे के बाद तथा सुबह 6:00 बजे के पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
8. विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम 2010 (FCRA) –
हम आपको बता दें कि अगर आपके घर का गैस सिलेंडर खाना बनाते समय फट जाता है तो आपको गैस एजेंसी की तरफ से जान माल की पूरी भरपाई दी जाएगी।
हम आपको बता दें कि अगर आप किसी त्यौहार के मौके पर किसी कंपनी से कोई गिफ्ट लेते हैं तो यह रिश्वत मानी जाती है ऐसा करने पर आपको सजा भी हो सकती है।
9. मोटर वाहन विधेयक 2016 –
हम आपको बता दें कि पूरे 1 दिन में आपसे केवल एक ही बार चालान लिया जा सकता है।
10. अधिकतम खुदरा मूल्य 2014 –
इस अधिनियम के तहत कोई भी दुकानदार आपसे अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक मूल्य की मांग नहीं कर सकता है लेकिन खरीदार अधिकतम खुदरा मूल्य से कम कीमत पर दुकानदार से मोलभाव कर सकता है।
11. परिसीमा अधिनियम 1963 –
यदि कोई कंपनी आपको वेतन नहीं देता है तो आप उस कंपनी के खिलाफ 3 साल के अंदर रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं। 3 साल के बाद आपकी रिपोर्ट मान्य नहीं होगी।
12. कानून अधिनियम 1978, संपत्ति का अधिकार –
44 वा संशोधन अधिनियम 1978 के तहत पिता की सम्पत्ति में पुत्र और पुत्री दोनों बराबर के हकदार है संपत्ति का अधिकार एक कानूनी अधिकार (kanun ke niyam) है ।
13. समान वेतन का अधिकार 1975, 1976 –
इस अधिनियम के तहत महिला और पुरुष दोनों को समान वेतन का अधिकार (kanun ke niyam) दिया गया है महिला और पुरुषों के बीच वेतन के भेदभाव को समाप्त करने के लिए समान वेतन अधिनियम 1975-76 बनाया गया है।
14. मोटर व्हीकल एक्ट –
साइकिल या रिक्शा चलाने वाले व्यक्ति पर मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं होता है अगर आप साइकिल या रिक्शा चलाते हैं तो आपको मोटर व्हीकल अधिनियम के नियमों के बारे में सोचने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह अधिनियम बाइक चालक या बड़े वाहनों के लिए है।
15. अगर कोई व्यक्ति आपसे काम करवा कर आपको वेतन नहीं देता है या फिर आपसे पैसे उधार लेकर आपको पैसे नहीं लौटता है तो आप उस व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा सकते हैं भारतीय अधिनियम के अनुसार यह आपका कानूनी अधिकार (kanun ke niyam) है।
आप उस व्यक्ति के खिलाफ 3 साल के भीतर ही शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।