Swarg aur narak: स्वर्ग और नर्क क्या है? क्या मरणापरान्त स्वर्ग और नर्क की प्राप्ति होती है?

Swarg aur narak: स्वर्ग और नर्क क्या है? क्या मरणापरान्त स्वर्ग और नर्क (swarg aur narak) की प्राप्ति होती है? स्वर्ग और नरक ऐसे लोक होते हैं अर्थात एक ऐसी नई दुनिया होती है जहां लोगों को उनके कर्म के अनुसार भेजा जाता है। विद्वान लोगों का ऐसा कहना है कि अगर कोई व्यक्ति अच्छा कर्म करता है तो उसे स्वर्ग लोक में जगह मिलती है लेकिन अगर कोई इंसान बुरे कर्म करता है तो उसे नर्क लोक में जगह मिलती है।



विद्वान लोगों का ऐसा भी कहना है कि जब कोई इंसान अच्छे कर्म करते रहता है तो उसे स्वर्ग लोक में स्थान मिलता है अर्थात उसे मोक्ष प्राप्ति होती है लेकिन जब कोई व्यक्ति बुराई कम करता है तो वहां जन्म-मरण के बंधन में ही उलझे रहता है इसलिए कहते हैं कि हमें हमेशा पुण्य कर्म करने चाहिए।

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स्वर्ग और नरक की असली सच्चाई

अधिकतर लोग स्वर्ग और नरक को केवल कल्पना मात्र ही मानते हैं कुछ लोगों का मानना है कि स्वर्ग और नर्क (swarg aur narak) असल में होते ही नहीं है। स्वर्ग और नरक केवल कल्पना मात्र है लेकिन आखिर सच्चाई क्या है? चलिए जानते हैं –

कहते हैं कि जब मनुष्य पृथ्वी लोक में अच्छे कर्म करता है तो उसे स्वर्ग में सुख तथा बुरे कर्म करता है तो उसे नर्क में दुख भोगने पड़ते हैं।

कई विशेष मान्यताओं के अनुसार जब इंसान की मृत्यु हो जाती है तो उसे यमलोक के देवता लेने के लिए आते हैं और फिर उसे यमलोक में ले जाकर उसके कर्मों का हिसाब किताब देखते हैं और उनके कर्मों के अनुसार ही उन्हें स्वर्ग तथा नरक लोक में भेजते हैं। लोग कहते हैं कि यम लोक देवताओं का ऐसा लोक हैं जहां मनुष्य के कर्मों का लेखा-जोखा किया जाता है लेकिन क्या सच में यमलोक होता है या फिर स्वर्ग लोक, नरक लोक, यमलोक लोक केवल कल्पना मात्र हैं चलिए इसे अगले भाग में विस्तार पूर्वक समझते है

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क्या स्वर्ग और नर्क (swarg aur narak) की प्राप्ति होती है?

वेद पुराण और धार्मिक ग्रन्थों के मतानुसार पृथ्वीलोक कर्म भूमि है। इस कर्म भूमि पर मानव जैसा कर्म करेगा (चाहे वह पुण्य जन्य कर्म हो या पाप जन्य) वैसा ही फल उसे मृत्यु के बाद प्राप्त होगा। अच्छा कर्म किये रहेगा तो अच्छा फल प्राप्त होगा, बुरा कर्म करेगा तो मृत्यु के बाद जीव (प्राण) की दुर्गति होगी।




यह सब धर्म ग्रन्थों की लिखी बाते हैं जिस पर कुछ लोग तो विश्वास करते हैं और कुछ लोग विश्वास नहीं करते। वे प्रमाण माँगते हैं कि मरने के बाद कैसे स्वर्ग और नर्क (swarg aur narak) की प्राप्ति होती है, प्रमाणित करके दिखाओ। उनका कथन हद तक सही भी है कि जिन चीजों का हमें ज्ञान ही नहीं है उन पर कैसे विश्वास कर लें।

प्राचीनकाल से यह लोग कहते आ रहे हैं कि ‘आँखों देखी बात को ही सत्य मानना चाहिए।’ लेकिन कलयुग ने स्वयं उसने अन्य युगों से कहा है कि मेरे युग में अन्य युगों की तरह अगले जन्म का कोई चक्कर ही नहीं रहेगा। जो जैसा करेगा उसका तुरन्त फल उसे प्राप्त होगा। स्वर्ग और नर्क (swarg aur narak) मरने के बाद कैसा? जो फल होगा तुरन्त मिलेगा। परिश्रम करोगे तो धनवान बनोगे। संतों की संगत करोगे तो सम्मान प्राप्त करोगे । किसी का धन छीनोगे तो कोई तुम्हारे घर में डाका डाल देगा, चोरी करके तुम्हारा धन असबाब उठा ले जायेगा। किसी का कत्ल करोगे तो उसके भाई-बन्धु तुम्हें या तुम्हारे परिवार वालों को मार डालेंगे। और ऐसा ही हो रहा है।

प्रमाण की कोई आवश्यकता नहीं, कलयुग का निर्णय सभी लोग अपनी आँखों से देख रहे हैं। कोई अल्पायु में मर जा रहा है तो कोई रोग ग्रसित होकर। वेश्यागमन करने वाले अनेक रोगों से ग्रसित होकर एड़ियाँ षिस-घिस कर मरते हैं। ऐसे-ऐसे रोग उत्पन्न हो रहे हैं जिससे ग्रस्त इंसान प्रतिदिन मौत की कामना करता है लेकिन मौत नहीं आती।

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ये सभी नर्क नहीं तो और क्या है। और जो हर प्रकार से सम्पन्न है वह स्वर्ग समान सुख का उपभोग कर रहा है जिस स्वर्ग और नर्क (swarg aur narak) की लोग कल्पना करते हैं वह यहीं पृथ्वी पर ही है। मरने के बाद पंचतत्वों से बना शरीर पुनः पंचतत्वों में विलीन हो जाता है, अर्थात् शरीर का जो भाग जिससे बना था उसी में जाकर मिल गया।




निष्कर्ष

वैसे तो स्वर्ग और नरक लोक होने या ना होने का कोई पुख्ता सबूत अभी तक वैज्ञानिकों को नहीं मिल पाया है लेकिन कई धार्मिक ग्रंथों में स्वर्ग और नरक लोक का जिक्र किया गया है इसीलिए लोगों द्वारा स्वर्ग और नरक लोक का अस्तित्व माना जाता है लेकिन पूरी सच्चाई क्या है किसी को नहीं पता है।

अधिकतर लोग कहते हैं कि स्वर्ग और नर्क (swarg aur narak) लोक का अस्तित्व ही नहीं है मनुष्य के जो अच्छे और बुरे कर्म होते हैं उसका निर्णय यही पृथ्वी लोक में हो जाता है। स्वर्ग और नर्क (swarg aur narak) लोक को लेकर आपकी क्या राय है हमें कमेंट करके जरूर बताइए।



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