Nariyal in hindi: नारियल को क्यों तोड़ा जाता है? – Nariyal kyu toda jata hai
नारायण को श्रीफल कहा जाता है और नारियल अर्थात श्रीफल भगवान का पसंदीदा फल है। अक्सर लोग नारियल की बाहरी सतह को अहम का प्रतीक मानते हैं और अंदर की सफेद वाली सतह को शांति का प्रतीक मानते हैं इसीलिए नारियल तोड़ने का अर्थ भगवान के श्री चरणों में अपने अहंकार को तोड़ना है।
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हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जब हम नारियल को तोड़ते हैं तू ऐसा करने से हमारे काम में कोई भी समस्या उत्पन्न नहीं होती है और हमारे कामों में बरकत होती रहती है इसीलिए हिंदू धर्म के लोग जब भी कोई नया काम स्टार्ट करते हैं तो भगवान के श्री चरणों में नारियल को तोड़ते हैं ताकि उन्हें अपने कामों में सफलता मिल सके।
नारियल तोड़ने की प्रथा सदियों से चली आ रही है और आज भी लोग इस प्रथा को निभाते आ रहे हैं।
नारियल तोड़कर शुभ काम क्यों किया जाता है?
पौराणिक परंपराओं के अनुसार हिंदू धर्म में सदियों से नारियल को तोड़कर भगवान को चढ़ाने की यह परंपरा चलती आ रही है कि और लोग आज की इस परंपरा का पालन करते आ रहे हैं।
ऐसा माना जाता है जब भगवान विष्णु पृथ्वी पर अवतार लिए थे तब माता लक्ष्मी के साथ में नारियल का वृक्ष और कामधेनु को साथ में लेकर आए थे इसीलिए नारियल का वृक्ष भगवान को सबसे अधिक पसंद है।
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इतना ही नहीं विद्वानों का कहना है कि नारियल ही कल्पवृक्ष है और कल्पवृक्ष का वर्णन शास्त्रों में भी मिलता है।
भगवान विश्वामित्र ने मानव के रूप नारियल को बनाया
हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वामित्र ने मानव के रूप में नारियल को बनाया था। एक बार की बात है जब भगवान विश्वामित्र इंद्र भगवान से नाराज हो जाते हैं और भगवान विश्वामित्र का मन बदल जाता है और भगवान विश्वामित्र दूसरी दुनिया को ही बनाने लगते है इसी वजह से नारियल के खोल पर बाहर की तरफ दो आंखें और एक मुँह बना होता है।