आरती और भजन में ताली क्यों बजाते है जानिए? | Tali Kyu Bajate Hain | Tali Bajane Ke Best 10 Fayde
Tali kyu bajate hain यह बात आपने कभी ना कभी तो जरूर सोचा ही होगा और आपने अक्सर आरती और भजन में लोगों को ताली बजाते हुए देखा होगा लेकिन अधिकतर लोगों को यह नहीं पता है कि आरती और भजन में लोग ताली क्यों बजाते (tali Kyu Bajate Hain) हैं तो आज के इस लेख में आप यही जाने वाले हैं। ऐसा कहा जाता है कि आरती और भजन में ताली बजाने (tali Kyu Bajate Hain) की शुरुआत सबसे पहले भक्त पहलाद ने की थी।
जैसा कि हमें पता है कि भक्त पहलाद के पिता हिरण कश्यप भक्त प्रहलाद की भक्ति से बहुत नाराज रहते थे और इसी वजह से उन्होंने भक्त पहलाद से वाद्य यंत्र को ले लिया था
तब से ही भक्त पहलाद ने भगवान के भजन और आरती करने के लिए ताली बजाना (tali kyu bajate hain) शुरू किया और इसके बाद से ही लोग भगवान के भजन और आरती करते समय ताली बजाने लगे।
इसके अलावा क्या आप ताली बजाने (tali kyu bajate hain) के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व को जानते हैं अगर नहीं जानते तो चलिए आज जानते हैं –
आरती और भजन में ताली क्यों बजाते है जानिए? | Tali Kyu Bajate Hain
ताली बजाने का धार्मिक महत्व – Tali Bajane Ke Fayde
पौराणिक काल से ही हिंदू धर्म के मंदिरों में अक्सर भजन तथा आरती करते समय अक्सर लोग ताली बजाते हैं क्योंकि ताली बजाकर हम भगवान को आमंत्रित करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आरती और कीर्तन करते समय ताली बजाने (Tali Kyu Bajate Hain) का मतलब है कि सभी भक्त भगवान की भक्ति में लीन हो जाएं और भगवान नाम की मस्ती में डूब जाए तथा भगवान के नाम की मस्ती में मस्त होकर झूमने लगे और तालियां बजाए।
तालियों की ध्वनि तरंगे ही भगवान को आंदोलित करती है जिससे भगवान अपने भक्तों की रक्षा करने और उन पर कृपा बरसाने के लिए उस स्थान पर जिस स्थान पर भक्ति भजन क्या आरती कर रहे होते हैं वहाँ साक्षात् भगवान पहुंच जाते हैं।
ताली बजाने का वैज्ञानिक महत्व – Tali Bajane Ke Fayde
वैज्ञानिक दृष्टि से ताली बजाने (tali kyu bajate hain) का विशेष महत्व माना जाता है एक्यूप्रेशर चिकित्सा के अनुसार हमारी हथेली की नसों का एक्यूप्रेशर करके शरीर के सभी रोगों का निदान किया जा सकता है।
ताली बजाने मात्र से हमारे शरीर के कई छोटे बड़े रोगों का इलाज हो जाता है। दिमाग से संबंधित कुछ बीमारियां भी ताली बजाने मात्र से छूमंतर हो जाती है और इस बात को डॉक्टर भी स्वीकार करते हैं।
ताली बजाने से खून की समस्त नाड़ियां हथेली तक आती है और फिर जलन ताली बजाते (tali kyu bajate hain) हैं तो उससे हमारी बॉडी की एक्सरसाइज हो जाती है जिससे शरीर के कई रोग समाप्त हो जाते हैं इसीलिए हर एक मनुष्य को दिन में कम से कम 2 या 4 बार तो ताली जरूर बजाना चाहिए।
ताली बजाने से हमारे पूरे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहता है ताली बजाना एक एक्सरसाइज है जिससे रक्तचाप सही रहता है और ऐसा भी कहते कि ताली बजाने से रक्त का शुद्धिकरण होता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार हमें स्वस्थ रहने के लिए हर दिन हमारे लिए ताली बजाना बेहद लाभकारी है।
आरती और भजन में ताली क्यों बजाते हैं? Tali Kyu Bajate Hain
विद्वान लोगों का कहना है कि जब भक्त भजन कीर्तन और आरती में ताली बजाते (Tali Kyu Bajate Hain) हैं तब हम ईश्वर को पुकार रहे होते हैं।
भगवान समस्त सृष्टि के कर्ताधर्ता है और जब हम भजन या आरती कर रहे होते है तब हम भगवान का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं और समस्त भक्तों के द्वारा तालीयां बजाने से तालियों की ध्वनि भगवान को आमंत्रित करती हैं और ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते है।
ताली बजाने के फायदे – Tali Bajane Ke Fayde
ताली बजाने से ब्लड सरकुलेशन सही रहता है। हमारी बॉडी की मांसपेशियों का एक्सरसाइज हो जाता है।
ताली बजाने से नासिक शारीरिक फायदा होता बल्कि मानसिक फायदा क्या होता है ताली बजाने से चिंता और तनाव दूर हो जाते हैं।
ताली बजाने से हमारी बॉडी में रक्त संचार बेहतर तरीके से काम करता है।
ताली बजाने मात्र से कई छोटे-बड़े रोगों से राहत मिलती है।
ताली बजाने से बालों के झड़ने की समस्या भी दूर हो जाती है।
ताली बजाने से हमारी स्मरण शक्ति भी बढ़ती है।
जिन लोगों को अक्सर भूलने की आदत है उन्हें हर दिन ताली जरूर बजाना चाहिए।
ताली बजाने से शरीर की चर्बी कम होती है और ताली बजाने से मोटापा को कंट्रोल कर सकते हैं।
हमारी अंगुली की नसे सीधे ब्रेन से जुड़ी हुई होती है जिससे हमारे ब्रेन में रक्त संचार सुचारू रूप से प्रवाहित होता है।
तालियां बजाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
निष्कर्ष – Tali Kyu Bajate Hain
जैसा कि हमने आपको बताया कि ताली बजाने की शुरुआत पुराने समय से ही शुरू हुई है और इसकी की शुरुआत साक्षात नारायण भगवान के भक्त प्रह्लाद ने की। उसके बात से ही लोग आरती और भजन में ताली बजाते हैं।
जब हम भजन कीर्तन और आरती में ताली बजाते हैं तब हम भगवत नाम में विलीन हो जाते हैं और हमारा पूरा ध्यान भगवान और ही होता है तथा हम ताली बजाकर भगवान को आमंत्रित करते हैं तो इस तरह से ताली बजाने से भगवान प्रसन्न होते हैं और हमारी मन मांगी मुराद पूरी होती है।
हमने आपको इस लेख में ताली बजाने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी बताया है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ताली बजाने से साक्षात भगवान उसी स्थान पर आ जाते हैं जिस स्थान पर भक्त तालियां बजा रहे होते हैं और इस प्रकार भगवान अपने भक्तों की इच्छाएं पूरी करते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अकॉर्डिंग ताली बजाने मात्र से कई छोटे-बड़े रोग दूर हो जाते हैं और हम आपको बता दें कि ताली बजाने से आपकी पूरी बॉडी की एक्सरसाइज भी होती है इसीलिए आपको दिन में कम से कम दो चार बार तो तालियां बजाना ही चाहिए।
अगर हम मंदिरों में आरती करते समय और किसी समारोह में या खुशी वाले माहौल में ताली बजाकर उनका अभिवादन करते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ताली बजाने से क्या होता है?
हम आपको बता दें कि ताली बजाना एक व्यायाम है और ताली बजाने से हमारे पूरे शरीर की मांसपेशियों का व्यायाम होता है और हमारे पूरे शरीर में रक्त का संचार होने लगता है।
हमारे हाथों से शरीर की विभिन्न भाग जुड़े हुए हैं इसलिए हम अपने हथेलियों को एक्यूप्रेशर बिंदु भी कहते हैं ताली बजाने से हमारे शरीर के विभिन्न भाग एक्टिव हो जाते हैं और हमारे शरीर में रक्त का संचार होने लगता है इसी वजह से हम अपने कामों को बेहतर तरीके से करने लगते हैं इसीलिए ताली बजाना सबसे अधिक लाभदायक है।
ताली बजाने की परंपरा पौराणिक समय से ही चली आ रही है किसी मनी जानते थे कि आने वाले समय में लोगों के पास व्यायाम करने के लिए वक्त ही नहीं रहेगा चलिए पुराने समय से ही मंदिरों में ताली बजाने की शुरुआत की गई ताकि लोग थोड़ी समय में ही अपने पूरे शरीर का व्यायाम कर सकें।